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दिल्ली-उत्तर भारत में बाढ़ का कहर: यमुना नदी ने दी चेतावनी, 10,000 से ज़्यादा लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाए गए


मॉनसून की तेज बारिश ने उत्तर भारत के कई हिस्सों में तबाही मचा दी है। नई दिल्ली में यमुना नदी खतरनाक स्तर पार कर चुकी है, जिससे हजारों लोग सड़क किनारे बनाए गए राहत शिविरों में पहुँचाए गए हैं। हाल के दिनों में ही बाढ़ की चेतावनी के बीच कई राज्यों में भारी तबाही हुई है—देशभर में बढ़ते पानी ने जान-माल को भारी क्षति पहुंचाई है।


यमुना का खतरा: दिल्ली में बाढ़ की स्थिति


रायटर की रिपोर्ट के अनुसार, हिमालयी इलाकों में भारी बारिश के चलते यमुना नदी खतरनाक स्तर तक पहुँच चुकी है। इसके बाद दिल्ली में नदी के किनारे रहने वाले लगभग 10,000 लोग को राहत शिविरों तक पहुँचाया गया। (स्रोत: Reuters) 


केंद्रीय जल आयोग ने यमुना की स्थिति को 'गंभीर' माना है। इसके परिणामस्वरूप, आयरन ब्रिज (लोहे का पुल) को बंद कर दिया गया है, और नदी के किनारे कई घरों में पानी घुस गया है। (स्रोत: Reuters) 


दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले और इसके आसपास के इलाके भी जलमग्न हो गए और कई लोग पानी में चलते दिखे, कुछ हाथों में गणपति की मूर्ति लिए हुए, जो वर्षा के बाद पूजा में नदी में विसर्जित की जाती है। (स्रोत: Reuters) 


बाढ़ का क्षेत्रीय विस्तार: जम्मू-कश्मीर और पंजाब में हालात


उत्तरी भारत के अन्य हिस्सों में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में, जेलम नदी के बांध के टूटने के कारण कई इलाकों में पानी भर गया और 9,000 लोगों को निकाला गया। (स्रोत: Reuters) 


पंजाब भी बारिश की मार से अछूता नहीं रहा—राज्य सरकार ने बताया कि अगस्त से अब तक 37 लोगों की मौत हुई, और कई हजार एकड़ फसलें बर्बाद हुईं हैं। (स्रोत: Reuters, Wikipedia) 


तापसील और मृतकों का आंकड़ा: भारत-पाकिस्तान में स्थिति


मॉनसून की तेज़ी से भारत में ही अगस्त में अब तक लगभग 150 लोगों की मौत हुई है, जबकि पाकिस्तान में यह संख्या 880 से अधिक है। (स्रोत: Reuters) 


भारत और पाकिस्तान दोनों ने साझा नदी प्रणालियों—जैसे व्यंजन—की वजह से बाढ़ की चुनौती का सामना किया है। पाकिस्तानी पक्ष में लगभग 1.8 मिलियन लोग बाढ़ से प्रभावित हुए और 1,400 से अधिक गांवों में पानी भर गया। (स्रोत: Wikipedia) 


राहत प्रयास: कार्यवाही और सरकारी कदम


दिल्ली में रह रहे लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाने के लिए राहत शिविर बनाए गए। नजदीकी हाईवे और स्कूलों का उपयोग किया गया। (स्रोत: Reuters) 


AP News की रिपोर्ट में एक दिल को झकझोर देने वाली कहानी भी सामने आई है—Bindu Pandey और उनका परिवार दो बार विस्थापित हुआ। पहली बार जब उनका घर बाढ़ में आ गया, और जब वे सरकार द्वारा दिए गए टेंट में पहुँचे, तो वह भी पानी से भर गया। इसके बाद उन्हें एक स्कूल में स्थानांतरित किया गया। उन्होंने बताया कि बच्चे की किताब, पेन, और कुछ अहम दस्तावेज सब बह गए। (स्रोत: AP News) 


NCR और आसपास के इलाकों में स्थिति


नोएडा और गाजियाबाद के गांवों में बाढ़ ने गहराई से असर छोड़ा—NDRF ने लगभग 25 परिवारों को बचाया, और पानी 211.7 मीटर तक पहुँच चुका था। लोनियों में 150 लोग शेल्टर में पहुँचाए गए। (स्रोत: Times of India) 


भविष्य की आशंका: और बारिश की चेतावनी


IMD (भारतीय मौसम विभाग) ने दिल्ली-एनसीआर सहित कई हिस्सों में और बारिश की चेतावनी जारी की है। यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और इसे लेकर प्रशासन की सतर्कता बढ़ी हुई है। (स्रोत: Economic Times) 

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